"पन्ना की तमन्ना है के हीरा मुझे मिल जाए
चाहे मेरी जान जाए, चाहे मेरा दिल जाए..........
हीरा तो पहले ही किसी और का हो चुका
किसी की मदभरी आँखों में खो चुका
यादों की बस धुल बन चूका दिल का फुल
साइन पर में रख दू हाथ फिर खिल जाए
चाहे मेरी जान जाए, चाहे मेरा दिल जाए,,,,,,,,,
दिल तो देते हैं, लेते हैं लोगों की बार
हुआ क्या, किसी से किया था तुम्हें प्यार
यादों को छोड़ दे, यादों को तोड़ दे
अपनी जगह से कैसे परबत हिल जाए
भुला न मेरे दिल को कभी जिसका ख्याल
हो सके तो मेरे दिल से तू निकल का इस्तेमाल करें
न करुं मैं ये काम, तो नहीं मेरा नाम
बातों से ये जाखम-ए-जिगर कैसे सिल जाए
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