Tuesday, August 1, 2023

इक दूर से आती है पास आके पलटती है - (२) इक राह अकेली सी रुकती है न चलती है ल: ये सोचके बैठी हूँ इक राह तो वो होगी तुम तक जो पहुंचती है इस मोड़ से जाते हैं इस मोड़ से जाते हैं

 

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